मैमोग्राफी या मेमोग्राम टेस्ट आपके स्तनों का एक्स रे होता है। यह ब्रेस्ट कैंसर की पहचान करने का बहुत ही अच्छा तरीका है। नियमित चिकित्सीय परीक्षण के साथ स्तन कैंसर के शुरुआती निदान का मैमोग्राम एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
40 वर्ष उम्र के बाद या उससे भी पहले, यदि आपको ब्रेस्ट कैंसर का खतरा हो, तो आपको हर वर्ष मेमोग्राम कराना चाहिए। यदि आपके परिवार में स्तन कैंसर का कोई व्यक्तिगत या पारिवारिक इतिहास है, तो आपके डॉक्टर 40 की उम्र से पहले स्क्रीनिंग या अतिरिक्त नैदानिक तरीकों का उपयोग शुरू कर सकते हैं। खतरे के कारणों के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें।
राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के अनुसार, स्किन कैंसर के बाद महिलाओं में स्तन कैंसर दूसरा सबसे आम कैंसर है।
अगर आपके डॉक्टर किसी भी कैंसर या परिवर्तन की जांच करने के लिए एक नियमित टेस्ट के रूप में मेम्मोग्राम करने के लिए कहते हैं, तो उसे स्क्रीनिंग मेमोग्राम कहा जाता है। इस प्रकार के टेस्ट में, आपके डॉक्टर प्रत्येक स्तन के कई एक्स-रे लेंगे।
अगर आपको नया लक्षण, जैसे गांठ, दर्द, निप्पल से स्राव या स्तन की त्वचा में परिवर्तन महसूस होता है, तो प्रोवाइडर मैमोग्राफी का उपयोग किसी भी असामान्यता की जांच के लिए करते हैं। इसे डायग्नोस्टिक मैमोग्राम कहते हैं।
1- 2D डिजिटल मैमोग्राफी
2D मैमोग्राफी में हर स्तन की दो अलग-अलग कोणों से तस्वीरें ली जाती हैं—सामान्यतः ऊपर-नीचे और साइड से।
2- 3D डिजिटल मैमोग्राफी (डिजिटल ब्रेस्ट टोमोसोथेसिस)
इस प्रक्रिया में प्रत्येक स्तन की कई तस्वीरें ली जाती हैं, जिन्हें कंप्यूटर एकत्रित कर 3D रूप में बना
1- मैमोग्राम के दिन डियोड्रेंट, परफ्यूम, लोशन, या पाउडर का उपयोग न करें।
2- डॉक्टर को अपनी चिकित्सीय स्थिति (जैसे स्तन इम्प्लांट, प्रेग्नेंसी) के बारे में जानकारी दें।
3- कपड़े उतारने और जांच के लिए विशेष गाउन पहनने की आवश्यकता होगी।
1- गर्भावस्था: गर्भवती होने की संभावना हो तो डॉक्टर को सूचित करें।
2- इम्प्लांट: यदि आपके स्तन में सिलिकॉन या सलाइन इम्प्लांट हैं, तो अतिरिक्त इमेजिंग आवश्यक हो सकती है।
मैमोग्राम के द्वारा मिली तस्वीरें आपके स्तनों में, गांठ या कैल्शियम के जमाव को खोजने में मदद कर सकती हैं। अधिकांश गांठ कैंसर का संकेत नहीं होती है। टेस्ट में अल्सर भी मिल सकता है – तरल पदार्थ से भरे हुए थक्के जो कुछ महिलाओं के मासिक धर्म चक्र के दौरान आते हैं और सामान्य रूप से जाते हैं।
यहां बीआई-आरएडीएस या ब्रेस्ट इमेजिंग रिपोर्टिंग और डेटाबेस सिस्टम नामक मैमोग्राम एक राष्ट्रीय निदान प्रणाली है। इस प्रणाली में, सात श्रेणियां हैं, जो शून्य से लेकर छह तक हैं। प्रत्येक श्रेणी में यह बताया गया है कि क्या अतिरिक्त पिक्चर आवश्यक हैं और क्या किसी क्षेत्र में एक सौम्य ( कैंसर-मुक्त) या कैंसर-युक्त गांठ होने की अधिक संभावना है।
नॉर्मल स्कोर
स्कोर 0: टेस्ट का स्कोर शून्य आने पर एक और मेमोग्राम की आवश्यकता पड़ सकती है।
स्कोर 1: टेस्ट का स्कोर एक आने का मतलब है कि इमेज में कोई असामान्यता नजर नहीं आयी है। ऐसी स्थिति में रूटीन स्क्रीनिंग जारी रखने की सलाह दी जाती है। एबनॉर्मल स्कोर
स्कोर 2: टेस्ट का स्कोर दो आना सिस्ट जैसी स्थितियों का संकेत है। ऐसी स्थिति में रूटीन स्क्रीनिंग जारी रखने की सलाह दी जाती है।
स्कोर 3: टेस्ट का स्कोर तीन आना कुछ असामान्यताओं का संकेत होता है। हालांकि, यह कैंसर नहीं है। इस स्थिति में 6 महीने के भीतर एक और मेमोग्राम कराने की सलाह दी जाती है।
स्कोर 4: टेस्ट का स्कोर चार आना कुछ असामान्यताओं का संकेत होता है, यह कैंसर भी हो सकता है। इस स्थिति में बायोप्सी कराने की जरूरत पड़ सकती है।
स्कोर 5: टेस्ट का स्कोर पांच आना असामान्यताओं का स्पष्ट संकेत है, यह कैंसर की पुष्टि की ओर इंगित कर सकता है। ऐसी स्थिति में बायोप्सी कराने की सलाह दी जाती है।
मैमोग्राम एक महत्वपूर्ण स्क्रीनिंग प्रक्रिया है, जिससे स्तन कैंसर और अन्य स्तन समस्याओं का पता जल्दी और सटीक रूप से लगाया जा सकता है। यदि आपके स्तन स्वास्थ्य को लेकर कोई चिंता हो, तो तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श करें।